- नंदी हाल से गर्भगृह तक गूंजे मंत्र—महाकाल के अभिषेक, भस्मारती और श्रृंगार के पावन क्षणों को देखने उमड़े श्रद्धालु
- महाकाल की भस्म आरती में दिखी जुबिन नौटियाल की गहन भक्ति: तड़के 4 बजे किए दर्शन, इंडिया टूर से पहले लिया आशीर्वाद
- उज्जैन SP का तड़के औचक एक्शन: नीलगंगा थाने में हड़कंप, ड्यूटी से गायब मिले 14 पुलिसकर्मी—एक दिन का वेतन काटने के आदेश
- सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का संदेश, उज्जैन में निकला भव्य एकता मार्च
- सोयाबीन बेचकर पैसा जमा कराने आए थे… बैंक के अंदर ही हो गई लाखों की चोरी; दो महिलाओं ने शॉल की आड़ में की चोरी… मिनट भर में 1 लाख गायब!
डॉ. मोहन यादव के निर्देशों पर सिंहस्थ 2028 से पहले उज्जैन की बिजली व्यवस्था में बड़ा अपग्रेड: 15 सब-स्टेशनों पर लगे 36 कैपेसिटर बैंक, अब होगी निर्बाध सप्लाई!
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर उज्जैन में सिंहस्थ 2028 की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए बिजली व्यवस्था को और सशक्त बनाया जा रहा है। इसी क्रम में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जानकारी दी कि मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एमपी ट्रांसको) ने उज्जैन जिले के 15 एक्स्ट्रा हाई टेंशन (EHT) सब-स्टेशनों पर कैपेसिटर बैंक स्थापित कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
उज्जैन जिले के 17 सब-स्टेशनों में से 15 पर कार्य पूरा
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि उज्जैन जिले में एमपी ट्रांसको की ओर से कुल 17 एक्स्ट्रा हाई टेंशन सब-स्टेशनों के माध्यम से बिजली आपूर्ति की जा रही है। इनमें 400 केवी के 2 सब-स्टेशन, 220 केवी के 3 सब-स्टेशन और 132 केवी के 12 सब-स्टेशन शामिल हैं।
इनमें से जिन 15 सब-स्टेशनों में कैपेसिटर बैंक की आवश्यकता थी, वहाँ कुल 36 कैपेसिटर बैंक स्थापित किए जा चुके हैं। इनमें 35 कैपेसिटर बैंक 33 केवी वोल्टेज स्तर पर और 1 कैपेसिटर बैंक 132 केवी वोल्टेज स्तर पर लगाया गया है। इनकी कुल क्षमता 447 एमवीएआर है।
क्यों जरूरी हैं कैपेसिटर बैंक?
अक्सर सब-स्टेशनों से बिजली आपूर्ति के दौरान ट्रांसफॉर्मर पर इंडक्टिव लोड बढ़ जाता है, जिससे वोल्टेज में गिरावट आती है और बिजली की गुणवत्ता प्रभावित होती है। ऐसे में कैपेसिटर बैंक सिस्टम में कैपेसिटिव लोड जोड़कर इस असंतुलन को ठीक करते हैं।
इससे बिजली के प्रवाह में स्थिरता आती है, पावर फैक्टर सुधरता है, और उपभोक्ताओं को मानक वोल्टेज पर गुणवत्तापूर्ण व विश्वसनीय बिजली आपूर्ति मिलती है।
सिंहस्थ 2028 के लिए बिजली होगी और बेहतर
ऊर्जा मंत्री श्री तोमर ने कहा कि सिंहस्थ 2028 के दौरान उज्जैन में करोड़ों श्रद्धालु और पर्यटक आएंगे, ऐसे में बिजली आपूर्ति का मजबूत और भरोसेमंद रहना बेहद जरूरी है।
उन्होंने बताया कि यह कार्य मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशों के अनुरूप चलाया जा रहा है ताकि महाकाल नगरी में कभी बिजली की समस्या न आए और सिंहस्थ जैसे विश्वस्तरीय आयोजन में उज्जैन जगमगाता रहे।
प्रदेशभर में भी चल रहा है विद्युत सुधार अभियान
तोमर ने बताया कि प्रदेश के अन्य जिलों में भी ट्रांसमिशन नेटवर्क को आधुनिक तकनीक से अपग्रेड किया जा रहा है। बिजली की गुणवत्ता सुधारने, ट्रिपिंग कम करने और वोल्टेज स्थिर रखने के लिए एमपी ट्रांसको कई नई तकनीकों पर काम कर रहा है।
उन्होंने कहा — “हमारा लक्ष्य सिर्फ बिजली देना नहीं, बल्कि जनता को बेहतर, सुरक्षित और भरोसेमंद बिजली देना है। सिंहस्थ के अवसर पर उज्जैन की ऊर्जा व्यवस्था पूरे देश के लिए एक मॉडल बनेगी।”